Harniya Kya Hota Hai | हर्निया की पहचान कैसे होती है?

Harniya Kya Hota Hai: हर्निया की समस्या तब होती है जब शरीर का कोई अंग अपनी जगह से बाहर आ जाता है। हर्निया के लक्षणों में वजन उठाने के दौरान दर्द, पेट में भारीपन, चक्कर आना और कब्ज शामिल हैं। कभी-कभी हर्निया के लक्षण महसूस हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं, हल्के से लेकर गंभीर दर्द तक।

यह बहुत ही आम समस्या है जिसका इलाज ऑपरेशन द्वारा आसानी से हो जाता है किंतु यदि आपने समय रहते इसका इलाज नहीं करवाया तब यह एक गंभीर समस्या भी बन सकती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष।

Harniya Kaha Hota Hai

हर्निया की समस्या ज्यादातर मामलों में पेट के भीतर देखने को मिलती है लेकिन यह कभी-कभी जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभि तथा कमर के आसपास भी उत्पन्न हो सकती है। हर्निया का उपचार सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। इसमें दो तरह की सर्जरी होती है जिसमें से एक है ‘ओपन सर्जरी’ और दूसरी है ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’।

हर्निया की स्थिति में व्यक्ति की मांसपेशी या ऊतक कमजोर होकर फट जाता है या फिर उसमें छेद हो जाता है और उसके अंदर के अंग उभरकर बाहर आने लगते हैं। आंतो के फटने या अटकने की स्थिति में जान का भी खतरा हो सकता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या घातक नहीं होती लेकिन उन्हें इलाज की जरूरत होती है। हर्निया के दौरान पेट में दर्द होता है खासकर ग्रोइन क्षेत्र में।

Hernia Kaise Hota Hai

किसी व्यक्ति में हर्निया रोग तब पैदा होता है जब गर्भनाल द्वारा छोड़े गए छेद के आसपास की मांसपेशियां ठीक तरह से बंद नहीं हुई होती। इससे उसके आंत का एक हिस्सा बाहर की ओर निकल आता है। बच्चों में ‘गर्भनाल हर्निया’ होता है जो दर्द रहित होता है। इस दौरान आप बच्चों को खांसते हुए और रोते हुए अधिक नोटिस करेंगे।

हर्निया आपातकालीन स्थिति नहीं है लेकिन इसके चलते पीड़ित को सामान्य दर्द से लेकर गंभीर दर्द तक का अनुभव व एहसास हो सकता है। इस रोग का एकमात्र उपचार है सर्जरी/ऑपरेशन। Harniya Kya Hota Hai:भले ही इसे एक सामान्य समस्या के तौर पर देखा जाता है किंतु इसके विभिन्न प्रकार इसकी गंभीरता को स्पष्ट रूप से प्रकट करते हैं। उचित समय पर इसका इलाज किया जाना आवश्यक है।

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Harniya Ke Lakshan

Harniya Kya Hota Hai

हर्निया के मुख्य लक्षण है जो निम्न प्रकार के हैं;

  • पेट की चर्बी का बाहर निकलना या शरीर के किसी हिस्से से चर्बी का बाहर निकलना।
  • देर तक खड़े रहने में परेशानी
  • मल-मूत्र करने में कठिनाई
  • पेट के निचले हिस्से में सूजन
  • शरीर में भारीपन महसूस होना
  • प्रभावित हिस्से को छूने पर हल्का दर्द महसूस होना
  • उठते, बैठते या दैनिक कार्यों को करते समय प्रभावित हिस्से में दर्द महसूस होना
  • पेट में भारीपन
  • कब्ज व चक्कर आना
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • वजन उठाते हुए दर्द का एहसास करना।

Hernia Kitne Prakar Ke Hote Hain

यह समस्या स्त्री तथा पुरुष दोनों में ही अलग-अलग प्रकार की होती है इस आधार पर इसे कई वर्गों में बांटा गया है और इसके अलावा हर्निया को इसके किसी अंग से बाहर निकलने के आधार पर भी इसका वर्गीकरण किया गया है जो निम्न है;

1. वंक्षण हर्निया (Inguinal Hernia)- वंक्षण हर्निया(Inguinal Hernia) सबसे आम प्रकार की हर्निया होती है। व्यक्ति में इसकी उत्पत्ति तब होती है जब आंते कमजोर जगह से धक्का देती हैं या पेट के निचले हिस्से की परत में फट जाती है।

यह समस्या अक्सर वंक्षण नलिका में उभरती है। वंक्षण नलिका व्यक्ति के कमर में पाई जाती है। आमतौर पर इनगुइनल हर्निया इंगुइनल कैनाल यानी जांघ नलिका के आसपास होता है। Harniya Kya Hota Hai:

महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष इस प्रकार की समस्या से ग्रसित होते हैं। शोध के अनुसार लगभग 70% मामले इंगुइनल हर्निया के होते हैं।

2. नाभि हर्निया (Umbilical Hernia)- नाभि हर्निया 6 माह से कम आयु के शिशुओं में होने की संभावना अधिक होती है। इस स्थिति में आंत का उभार पेट की अंदरूनी दीवार के माध्यम से नाभि तक पहुंच जाता है शिशु के रोने के दौरान उसके नाभि के पास अम्बिलिकल हर्निया के उभार को देखा जा सकता है। Harniya Kya Hota Hai:यह हर्निया का प्रकार एकमात्र ऐसा है जो मांसपेशियों के मजबूत हो जाने पर अपने आप ही ठीक हो जाता है।

3. जघनास्थिक हर्निया (Familia Hernia)- इस तरह की हर्निया अन्य की तुलना में केवल 20% लोगों को ही होता है और पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को अधिक होता है। यह कभी-कभी जांघों या ग्रोइन के भीतरी ऊपरी भाग में देखने को मिलता है। खांसी आने पर या दर्द के कारण यह उभार में नजर आता है जबकि लेटने पर उभार वापस चला जाता है।

4. इंसिजनल हर्निया – किसी व्यक्ति के पेट में सर्जरी होने के बाद इंसिजनल हर्निया के खतरे की संभावना होती है। सर्जरी के दौरान व्यक्ति के जिस अंग में चीर-फाड़ की जाती है वहां की और उसके आसपास की मांसपेशियों को यह प्रभावित करता है जिसके चलते इंसिजनल हर्निया हो सकता है।

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Harniya Ka Desi Ilaj

Harniya Kya Hota Hai
  • हर्निया के लिए प्रतिदिन सुबह उठते ही सबसे पहले एक गिलास गुनगुने पानी का सेवन करें इससे पेट की मांसपेशियों तथा डायाफ्राम को आराम पहुंचता है।
  • प्रतिदिन व्यायाम करने से आपके डायाफ्राम में खिंचाव आएगा और छिद्र को खुलने में भी मदद मिलेगी।
  • पेट के निचले क्षेत्र पर मसाज करें इससे एब्डोमिनल कैविटी के ऊपरी क्षेत्र में आराम पहुंचता है।
  • हर दिन सुबह उत्कटासन वाला योगासन करें। यह आपके डायाफ्राम व पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक है।
  • सेब के सिरके का सेवन करें यह एक प्राकृतिक एसिडिक होता है जो हाइटल हर्निया के कारण दिखने वाले लक्षणों जैसे हार्टबर्न एवं एसिडिटी को दूर करने में सहायक होता है।

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Harniya Hone Ke Piche Kya Karan Hai

हर्निया होने के पीछे अनेकों कारण है जो निम्न प्रकार है;

  • उम्र बढ़ना,
  • गर्भवती होना,
  • मोटापा,
  • सर्जरी के नुकसान,
  • चोट लगना,
  • धूम्रपान करना,
  • पुरानी खांसी होना,
  • पुरानी कब्ज होना,
  • भारी वजन उठाना,
  • हैवी व्यायाम करना,
  • सिस्टिक फाइब्रॉइड्स होना,
  • मल्टीपल गर्भधारण,
  • अपरिचित टेस्टिकल्स,
  • पेट में तरल पदार्थ का जमा होना,
  • जन्म के दौरान शिशु के वजन में कमी होना।

Harniya Rog Ke Nuksan

हर्निया रोग होने के कई नुकसान है। जब व्यक्ति की आंत या वसायुक्त चर्बी का हिस्सा (टुकड़ा) हर्निया के थैली में फंस जाता है तो उस हिस्से में एवं आसपास के हिस्से में सूजन आ जाती है और उत्तक में खून की आपूर्ति भी बंद होने लगती है।

खून की कमी के कारण ऊतक मरने लगते हैं जिसे ‘स्ट्रैगुलेटेड हर्निया’ कहा जाता है। स्ट्रैगुलेटेड हर्निया मरीज के मौत का कारण भी बन सकता है।Harniya Kya Hota Hai:

यही कारण है कि इस स्थिति में इमरजेंसी मेडिकल देखभाल की जरूरत पड़ती है। हर्निया का आकार बड़ा होने पर पेट तथा खाने की नली के विस्थापित होने की संभावना पैदा हो सकती है।

क्या Harniya Ki सर्जरी होती है?

Harniya Kya Hota Hai

हर्निया का इलाज केवल सर्जरी के माध्यम से ही संभव है। इसमें दो तरह की सर्जरी अपनाई जाती है

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)
  • ओपन सर्जरी(Open Surgery)

Laparoscopic Surgery बेहतर है या Open Surgery

रोग के गंभीरता के आधार पर आपका डॉक्टर ही यह तय करेगा कि आपके लिए कौन सी सर्जरी बेहतर रहेगी। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में केवल एक छोटे से कैमरे का और कुछ छोटे-छोटे सर्जिकल यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

यह सर्जरी आसपास के ऊतकों के लिए कम हानिकारक मानी जाती है और जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन इसमें हर्निया के वापस होने का खतरा भी होता है। वहीं ओपन सर्जरी करने पर हर्निया के ठीक होने में काफी समय लगता है।

मरीज लगभग 5-6 सप्ताह तक सामान्य रूप से घूमने व मुड़ने में असमर्थ रह सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

1. Kya bachho ko bhi hernia hota hai?

नाभि हर्निया 6 माह के आयु के बच्चों को होता है।

2. Hernia ke opration me kitna kharcha hota hai?

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में 50 हजार से 80 हजार रु. तक का खर्च आ सकता है वहीं ओपन सर्जरी में 55 हजार से 2 लाख रु. तक का खर्च आ सकता है। 

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