कंप्यूटर का इतिहास क्या है | History of Computer In Hindi

कंप्यूटर के बारे में तो बहुत लोग जानते हैं और बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं पर क्या सबको पता है कि कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया होगा और दुनिया का पहला कंप्यूटर कौन सा था। आज के लेख में हम History of Computer In Hindi के बारे में बात करेंगे जैसे कंप्यूटर की शुरुआत कब और कहां हुई, पहले कंप्यूटर का नाम क्या था, कंप्यूटर का पुराना नाम क्या था, कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं | आइए पहले जान ले कंप्यूटर क्या है?

Table of Contents

कंप्यूटर क्या है | What is Computer?

कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के “कंप्यूट” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है गिनती करना अथवा गणना करना।

परिभाषित शब्दों में, कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो एक प्रोग्राम (निर्देशों का एक सेट) के नियंत्रण में डेटा को संसाधित करके सूचना उत्पन्न करता है। डेटा किसी भी प्रकार का हो सकता है | जैसे किसी व्यक्ति का बायोडाटा, छात्र के अंक, विभिन्न यात्रियों का विवरण (नाम, आयु, लिंग, आदि)।

यह अपने मेमोरी में डाटा को store कर सुरक्षित रखता है। यह दिए गए mathematical and logical डेटा को क्रमानुसार स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। अबेकस के रूप में कंप्यूटर की शुरुआत हुई थी। कंप्यूटर को गणना करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कंप्यूटर का पूरा इतिहास जानने के लिए लेख के अंत तक बने रहें।

कंप्यूटर का पहला नाम क्या था | Name of First Computer 

दुनिया के सबसे पहले कंप्यूटर का नाम ‘ABACUS’ रखा गया और हिंदी में इसे ‘प्रचुर मात्रा में मोती, जोड़ और गणना उपयोगिता प्रणाली’ कहते हैं। शुरुआत में इसका उपयोग केवल यूरोप, रूस और चीन में किया जाता था फिर बाद में इसका उपयोग हिंदू-अरबी अंक प्रणाली में किया गया। यह एक यांत्रिक डिवाइस है जिसका आविष्कार 2400 ई. पू. एक चीनी व्यक्ति द्वारा किया गया।

बेहतरीन गणना के लिए यह सर्वोच्च प्रणाली है। अबेकस को सोरोबान के नाम से भी जाना जाता है। अबेकस एक आयताकार लकड़ी के फ्रेम में बना तारों का एक ढांचा होता है जिसमें मेटल की रोड में मोतिया पिरोई हुई होती हैं इन मोतियों की मदद से अंकीय गणना जैसे जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि किया जाता है।

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कंप्यूटर के पिता कौन है | Who is The Father of Computer

कंप्यूटर का पिता कौन है

कंप्यूटर के पिता का दर्जा चार्ल्स बैबेज को प्राप्त है जिनका जन्म 26 दिसंबर, 1791 में London, United Kingdom में हुआ था। वह एक गणितज्ञ, आविष्कारक, दार्शनिक, यांत्रिक इंजीनियर एवं English Polymath थे। History of Computer In Hindi सबसे ज्यादा जटिल डिजाइन एवं पहले यांत्रिक कंप्यूटर की खोज करने के कारण उन्हें कंप्यूटर के पिता की उपाधि प्रदान की गई।

इसके अलावा उन्हें ‘कंप्यूटर का जनक’, ‘कंप्यूटर का खोजकर्ता’ आदि के रूप में भी जाना जाता है। कंप्यूटर के प्रति सबसे पहला एवं सबसे महत्वपूर्ण योगदान उन्हीं का रहा। पहले डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार ब्लेज पास्कल ने 1642 में किया था लेकिन इससे केवल जोड़ने का काम संभव था।

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ | Generations of The Computer

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ निम्न प्रकार हैं –

क्रम. पीढ़ी (Generation) काल (Period) तकनीक
(Technology used)
1 प्रथम पीढ़ी (1st Gen.) 1946-1956 वैक्यूम ट्यूब
2 द्वितीय पीढ़ी (2nd Gen.) 1956-1964 ट्रांजिस्टर
3 तृतीय पीढ़ी (3rd Gen.) 1964-1970 IC (integrated Circuit)
4 चतुर्थ पीढ़ी (4th Gen.) 1970-1985 VLSI
5 पंचम पीढ़ी (5th Gen.) 1985 – अब तक ULSIC With AI

1. प्रथम पीढ़ी – First Generation

ENIAC – वैक्यूम ट्यूब के आविष्कार के साथ ही पहला पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बनाया गया, इसे ENIAC (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर) नाम दिया गया।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण:-

  1. प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था।
  2. यह साइज में काफी बड़े होते थे।
  3. यह जल्दी गर्म हो जाते थे।
  4. Inputs तथा Outputs के लिए पंचकार्डों का प्रयोग किया जाता था।
  5. इनमें मशीन तथा असेम्बली भाषा  का प्रयोग किया जाता था।

2. द्वितीय पीढ़ी – Second Generation

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाता था। इस नई तकनीक ने कंप्यूटर में एक नए युग की शुरुआत की। ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में विलियम शॉकले ने किया था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से आकार में छोटा था और बिजली के निरंतर संचालन से कम गर्म होता था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण:-

  1. पंचकार्ड के साथ-साथ मेेग्नेटिक टेप और डिस्क का भी प्रयोग किया जाने लगा।
  2. मेग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मेग्नेटिक कोर मेमोरी का प्रयोग किया जाने लगा।
  3. मशीन भाषा तथा असेम्बली भाषा कि जटिलताओं को दूर करने के लिए सरल एवं उच्च स्तरीय भाषाओं का विकास किया गया जैसे- FORTRAN, COBOL, SNOBOL, ALGOL आदि।

3. तृतीय पीढ़ी – Third Generation

1964 से 1970 तक के कंप्यूटर को तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया गया था। एक IC ट्रांजिस्टर, रेसिस्टर और कैपेसिटर तीनों को इंटीग्रेटेड सर्किट में शामिल किया गया था।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण:-

  1. तृतीय पीढ़ी में कंप्यूटर्स की नयी उच्च स्तरीय भाषा का विकास हुआ जिसका नाम BASIC रखा गया। यह सीखने में काफी सरल थी ।
  2. कंप्यूटर्स के कार्य को नियंत्रित करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया।

4. चतुर्थ पीढ़ी – Fourth Generation

1970 से 1985 तक के कंप्यूटर LSI (लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) की चौथी पीढ़ी में चले गए और फिर 1975 में VLSI (वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) चिप निर्माण के साथ, संपूर्ण कंट्रोल प्रोसेसिंग यूनिट के लिए सिंगल चिप पर आना संभव हो गया। यह चिप एक नाखून के आकार की होती है।

1970 में तैयार की गई इस चिप का नाम Intel 4004 था और इस छोटी सी चिप को माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता था और जिन कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता था उन्हें माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता था।

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण:-

  1. चतुर्थ पीढ़ी में कंप्यूटर के आकार को न्यूनतम किया गया।
  2. पहले की पीढ़ी में प्रयुक्त कोर मेमोरी की जगह अब सेमी-कंडक्टर का प्रयोग होने लगा।
  3. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में एप्लीकेशन, डाटाबेस का कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर तैयार हुये।

5. पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर्स Fifth Generation Computers

1985 से अब तक के कंप्यूटरों को पांचवीं पीढ़ी में रखा गया है। इन कंप्यूटरों में अद्भुत चीजें शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर अभी भी विकास के चरण में हैं, लेकिन अभी भी उन पर बहुत सारे विकास कार्य किए जाने बाकी हैं।

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर्स के गुण:-

  1. पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर्स को यूजर की जरूरत के अनुसार कंप्यूटर की संरचना को तैयार किया जाता है। आजकल विभिन्न आकारों में कंप्यूटर्स उपलब्ध हैं जैसे – डेस्कटॉप, लैपटॉप, पामटॉप, टैबलेट आदि।
  2. पांचवी पीढ़ी में मल्टीमीडिया का बहुत विकास हुआ है।
  3. इंटरनेट का अधिक मात्रा में उपयोग बढ़ा।

इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटरों के विकास का इतिहास | History of Development of Electronic Computers

इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों का विकास कुछ पुराना है। पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार 15 फरवरी, 1946 में J.P. ECKERT AN JOHN MAUCHLY द्वारा किया गया था जो कि एक अमेरिकी वैज्ञानिक थे। जो सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था उसका नाम ‘ENIAC’ रखा गया। इस का फुल फॉर्म है Electronic Numerical Integrated And Computer. इस कंप्यूटर को अमेरिकी मिलिट्री द्वारा बनाया गया था।

एक हैरानी की बात यह है कि यह कंप्यूटर लगभग 1800 वर्ग फीट में फैला हुआ था जिसमें लगभग 200 किलो वाट का इलेक्ट्रिक पावर का उपयोग होता था। ENIAC कंप्यूटर का इस्तेमाल सबसे पहले हाइड्रोजन बम की गणना के लिए किया गया था।

भारत में पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर की शुरुआत 1956 में आई एस आई कोलकाता में हुई और इस पहले इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का नाम HEC-2M पड़ा। इसकी स्थापना के साथ भारत जापान के बाद एशिया का दूसरा ऐसा देश बना जिसने कंप्यूटर तकनीक अपनाई।

कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर में अंतर | Difference Between Computer and Electronic Computer

कंप्यूटर का इतिहास क्या है | History of Computer In Hindi

वैसे तो हर प्रकार के कंप्यूटर का अपना एक विशेष महत्व और क्रिया एवं योगदान है। कंप्यूटर का प्रारंभिक रूप Calculator है जिसका कार्य गणितीय क्रियाएं करना था।

सरल शब्दों में समझे तो आम कंप्यूटर मुख्य रूप से गणितीय क्रियाएं करने के उपयोग में आते हैं जबकि आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर में कई सारे उन्नत कार्य भी शामिल हैं History of Computer In Hindi

जैसे विद्युत संकेतों को ऑडियो, वीडियो आदि में परिवर्तित करना, इलेक्ट्रॉनिक संदेशों को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करना और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से कार्य को सुविधाजनक रूप में प्रयोग करना आदि ये सभी सुविधाएं इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर में ही संभव है। History of Computer In Hindi इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर स्वचालित रूप से गणना करने वाली एक खास मशीन है।

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कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं | How Many Types of Computer Are There

कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं

कंप्यूटर को कार्य क्षमता, आकार एवं उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग बांटा गया है। उपयोग एवं साइज के आधार पर कंप्यूटर को मुख्यतः चार भागों में बांटा गया है; सुपर कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर।
सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) – सुपर कंप्यूटर सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर माना जाता है जिसका इस्तेमाल केवल बड़े संस्थानों किया जाता है।

1.मिनी कम्प्यूटर – मिनी कंप्यूटर अन्य पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में आकार में बड़े एवं अधिक क्षमता वाले होते हैं जिनका इस्तेमाल कई कंपनियों एवं संस्थानों में कुछ विशेष कार्यों के लिए किया जाता है।

2.मेनफ्रेम कंप्यूटर – ये कम्प्यूटर सुपर कंप्यूटर जितने शक्तिशाली तो नहीं होते लेकिन बड़े व्यापारिक संस्थानों में इनका इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसकी प्रोसेसिंग क्षमता काफी अधिक होती है।

3.माइक्रो कम्प्यूटर – सबसे अधिक उपयोग में लाए जाने वाले डिवाइस जैसे; पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, डिजिटल सहायक उपकरण, स्मार्टफोन इत्यादि इस श्रेणी में शामिल है जिनकी प्रोसेसिंग क्षमता अन्य सभी प्रकार के कंप्यूटर से कम होती है।

तो वहीं अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं;-

  • Analog (एनालॉग कम्प्यूटर) भौतिक मात्राओं को मापने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  • Hybrid (हाइब्रिड कम्प्यूटर) – अंकीय गणनाएं करने के लिए इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
  • Digital (डिजिटल कम्प्यूटर) – यह एनालॉग एंव डिजिटल कंप्यूटर का मिश्रण होता है।

कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं | What is Computer Called in Hindi

History of Computer In Hindi

कंप्यूटर(Computer) को हिंदी में कई सारे नाम से जाना जाता है जैसे अभिकलित्र, अभिकलक, संगणक, परिकलक आदि। यह एक अभिकलक यंत्र (Programmable Machine) है जो दिए गए गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में पूरी तरह सक्षम है।

आज जिन आधुनिक कंप्यूटर्स का इस्तेमाल हम करते हैं उसकी शुरूआत ब्रिटिश गणितज्ञ, वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज द्वारा सन 1833 से 1871 के बीच की गई थी। इन कंप्यूटर्स की नींव Analytical Engine ने रखी थी।

“कंप्यूटर के पुराने दिनों की कहानी, कंप्यूटर का अधूरा इतिहास, कंप्यूटर की उत्पत्ति के गुरुत्वाकर्षण, कंप्यूटर की प्रवृत्ति: एक इतिहास की पृष्ठभूमि, कंप्यूटर की सृजन के अन्तर्गत की कहानी”

आप के सवाल हमारे जबाब (FAQS)

1.भारत का पहला कंप्यूटर का नाम क्या है?
भारत में निर्मित पहले कंप्यूटर का नाम ISIJU था जिसे भारत की दो संस्थाओं ‘भारतीय सांख्यिकी संस्थान एवं जादवपुर यूनिवर्सिटी’ के विशेषज्ञों द्वारा मिलकर 1966 में बनाया गया था।

2. कंप्यूटर की खोज किसने की थी और कब?
कंप्यूटर की खोज चार्ल्स बैबेज ने की थी जिन्हें कंप्यूटर का पिता भी कहा जाता है। बैबेज को विश्व के पहले मैकेनिकल कंप्यूटर के सिद्धांत की खोज करने का श्रेय भी प्राप्त है। 1622 में अबेकस दुनिया का पहला कंप्यूटर था।

3. कंप्यूटर का पुराना नाम क्या है?
कंप्यूटर का पुराना एवं असली नाम “यूनिवर्सल ट्यूटोरिंग मशीन” है। कंप्यूटर को शुरुआत में इसी नाम से जाना जाता था।

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