TSH Test Kya Hai– Thyroid Stimulating Hormone (TSH) यह परीक्षण एक सामान्य रक्त परीक्षण है जिसका उपयोग यह मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है कि थायरॉयड ग्रंथि कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। थायरॉइड ग्रंथि गर्दन के निचले मोर्चे पर स्थित होती है। टीएसएच मस्तिष्क के आधार पर स्थित एक मटर के आकार की ग्रंथि पिट्यूटरी द्वारा निर्मित होता है।
जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म नामक एक स्थिति) का उत्पादन नहीं कर रही है, तो पिट्यूटरी ग्रंथि थायराइड को उत्तेजित करने और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास में अधिक टीएसएच उत्पन्न करती है। यदि पिट्यूटरी ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर रही है, तो यह बहुत कम टीएसएच उत्पन्न कर सकती है, और इसके परिणामस्वरूप हाइपोथायरायडिज्म भी हो सकता है।
टीएसएच टेस्ट क्यो किया जाता है | THS Test Kyu Kiya Jata Hai
थायराइड जोकी अब आम बीमारी हो गई है। पहले यह समस्या बड़ी उम्र वालों, और खासतौर पर महिलाओं में ज्यादा होती थी, लेकिन अस्वस्थ खान-पान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण बड़ी संख्या में युवा तथा बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं।
- डायग्नोस्टिक चेन एसआरएल की 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ’32 फीसदी भारतीय थायरॉइड से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हैं’।
- अब तो थायराइड कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं।
- ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के अध्ययन में पता चला है कि ‘थायराइड कैंसर के कारण हर साल लाखों मरीजों को अपनी थायराइड ग्रंथि या इसका कोई हिस्सा निकलवाना पड़ रहा है।
- अमेरिका के गैर-सरकारी संगठन एएआरपी के अनुसार, ‘थायराइड दुनिया की उन 9 बीमारियों में शामिल हैं, जिन्हें पहचानने में डॉक्टर गलती कर जाते हैं।
इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सा टेस्ट करवाने से थायराइड का सही-सही पता लगाया जा सकता है। इसका जवाब है- टीएसएच यानी थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट। TSH Test In Hindi
टीएसएच) टेस्ट से पहले क्या तैयारी करें | TSH Test Kya Hai
कुछ दवाएं ऐसी हैं जो टीएसएच टेस्ट के परिणाम को प्रभावित करती हैं।
- मसलन – ऐमियोडैरोन,
- लिथियम,
- पोटैशियम आयोडाइड,
- प्रेडनिसोन,
- डोपामाइन।
इसलिए यदि मरीज इनमें से किसी दवा का सेवन कर रहा है तो टीएसएच टेस्ट से पहले डॉक्टर को सूचना जरूर दें। डॉक्टर की सलाह पर इन दवाओं का सेवन कुछ दिन के लिए बंद करने के बाद टेस्ट करवाया जा सकता है।
टीएसएच टेस्ट कैसे किया जाता है | TSH Test Kaise kiya Jata Hai
- थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट थायराइड ग्रंथि पर किया जाता है।
- इससे पता लगाया जाता है कि थायराइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं?
- कहीं यह ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव तो नहीं?
- ये दोनों ही परिस्थितियां नुकसानदायक होती हैं।
- यह टेस्ट खून की जांच के माध्यम से यह टेस्ट किया जाता है।
- खून का सैंपल सामान्य तरीके से लिया जाता है और फिर लैब में जांच होती है।
- पता लगाया जाता है कि खून में टीएसएच की मात्रा क्या है?
- यह टेस्ट किसी भी सामान्य लैब पर करवाया जा सकता है।
सबसे खास बात यह है कि इस टेस्ट से शरीर में थायराइड का कोई लक्षण नजर आने से पहले ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन TSH TEST KAB Karwana Chahiye
वैसे सलाह दी जाती है कि 40 साल की अधिक उम्र के लोगों को साल में एक बार यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हमारे देश में ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि उन्हें थायरायड की बीमारी है क्योंकि इसके लक्षण बेहद सामान्य होते हैं।
थायरोइड टेस्ट किसको कराना चाहिए | Thyroid Stimulating Hormone Test Kisko Karwana Chahiye
जिन लोगों को लगता है कि उनका वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ है, उन्हें समय-समय पर थायराइड टेस्ट करवाते रहना चाहिए। यदि किसी को बिना किसी कारण के थकान होती है, कमजोरी लगती है, आलस्य आता है, हाथ-पैर में सूजन है, भूख ज्यादा लगती है तो भी थायराइड हो सकता है। यह स्थिति किसी भी आयु वर्ग के लोगों में हो सकती है। आज कल बच्चे भी शिकार होने लगे हैं। यह बीमारी महिलाओं में सबसे ज्यादा होती है।
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टीएसएच टेस्ट के परिणाम का मतलब | TSH Test Ke Importance In Hindi
Adults main TSH Test score का स्तर 0.4 से 5 मिली इंटरनेशनल यूनिट्स प्रति लीटर (mIU/L) होता है।
यदि खून में टीएसएच का स्तर ज्यादा है तो अंडरएक्टिव थायराइड हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान टीएसएच बढ़ा हुआ हो सकता है। यदि मरीज स्टेरॉयड, डोपामाइन, या ओपिओइड दर्द निवारक (जैसे मॉर्फिन ) दवाओं का सेवन कर रहा है तो जांच में टीएसएच का सामान्य से कम स्तर आ सकता है।
टीएसएच का कम स्तर ऑवरएक्टिव थायराइड का संकेत देता है। यदि टेस्ट में टीएसएच का सामान्य से कम स्तर आता है तो इसका अर्थ है कि शरीर में आयोडीन बहुत अधिक बढ़ गया है। मरीज थायराइड हार्मोन की दवाओं का जरूरत से अधिक सेवन कर रहा है।
टीएसएच टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? | Risk Of TSH Test Hindi
मोटे तौर पर इस टेस्ट का कोई जोखिम नहीं है। हां, जब मरीज के खून के सैंपल लिया जाता है, तब थोड़ा दर्द होता है। सूई से खून निकालने में सावधानी न बरती जाए, तो मरीज को परेशानी हो सकता है, लेकिन ऐसे मामले बहुत कम सामने आए हैं। इस तरह यह टेस्ट कभी भी, कहीं भी करवाया जा सकता है। इसमें कोई बड़ा जोखिम नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन (एनसीबीआई) के मुताबिक, 99.6 फीसदी मामलों में यह टेस्ट सफल होता है।
थायरॉइड में T0, T1, T2, T3, T4 और TSH क्या होता है?
थायराइड की रिपोर्ट में लिखे गए ये नंबर्स थायरॉइड के लेवल का पता लगाने के लिए होते हैं, टेस्ट में आने वाले इन नंबर्स से ही ये पता चलता है कि आपकी थायरॉइड ग्रंथि कितने अच्छे से काम कर रही है।
टेस्ट के नतीजों को कैसे समझें | TSH TEST Report Ka Matlab
T0, T1, T2– अगर आपकी रिपोर्ट में ये नंबर आते हैं तो ये हार्मोन प्रीकर्सर्स और थायरॉइड हार्मोन के उपोत्पाद हैं. ये थायरॉइड हार्मोन रिसेप्टर पर काम नहीं करते और पूरी तरह से इनएक्टिव रहते हैं.
T3 टेस्ट– थायरॉइड में T3 टेस्ट ट्राईआयोडोथायरोनिन लेवल का टेस्ट होता है. आमतौर पर जब T4 और TSH के बाद हाइपोथायरायडिज्म की आंशका होती है तो इस टेस्ट को कराने के लिए डॉक्टर्स कहते हैं. आपमें किसी में ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड के लक्षण हैं तो भी डॉक्टर T3 टेस्ट करवाते हैं. T3 की नॉर्मल रेंज 100-200 ng/dL होती है. अगर इससे ज्यादा हो जाए, तो यह ग्रेव्स नामक बीमारी का संकेत देता है.
T4– स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में थायरॉइड T3 और T4 हार्मोन्स सही रहता है. अगर ये घट-बढ़ जाए तो परेशानी की बात है. इन दोनों लेवल को शरीर में टीएसएच हार्मोन कंट्रोल करता है, जिसे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन कहते हैं। ज्यादातर T4 और TSH को साथ कराया जाता है, T4 टेस्ट को थायरॉक्सिन टेस्ट कहते हैं, T4 का हाई लेवल ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड की ओर इशारा करता है।
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
1. TSH कम होने पर क्या होता है?
टीएसएच का कम स्तर ऑवरएक्टिव थायराइड का संकेत देता है, यदि टेस्ट में टीएसएच का सामान्य से कम स्तर आता है तो इसका अर्थ है कि शरीर में आयोडीन बहुत अधिक बढ़ गया है।
2. TSH कितना होना चाहिए?
Adults main TSH Test score का स्तर 0.4 से 5 मिली इंटरनेशनल यूनिट्स प्रति लीटर (mIU/L) होता है।
3. TSH test main T0, T1, T2, T3 औऱ T4 क्या होता है?
टेस्ट में आने वाले इन नंबर्स से ही ये पता चलता है कि आपकी थायरॉइड ग्रंथि कितने अच्छे से काम कर रही है। और जानकारी के लिये पूरे पेज को पढ़ें।